अगस्त में इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (आईआईपी) 0.6 फीसदी रही है,
जो अनुमान से काफी कम है। जुलाई में आईआईपी को 2.6 फीसदी से संधोशित करके
2.8 फीसदी किया गया है। इस साल अप्रैल-अगस्त में आईआईपी 0.1 फीसदी रही है,
जबकि पिछले साल इसी दौरान ये आंकड़ा 0.2 फीसदी रहा था।
मैन्यूफैक्चरिंग और कैपिटल गुड्स सेक्टर का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। अगस्त में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ -0.1 फीसदी रही है, वहीं जुलाई में ग्रोथ 3 फीसदी रही थी। वहीं, कैपिटल गुड्स सेक्टर की ग्रोथ 15.6 फीसदी से घटकर -2 फीसदी हो गई है। कंज्यूमर गुड्स ग्रोथ -0.9 फीसदी के मुकाबले -0.8 फीसदी रही है।
महीने-दर-महीने आधार पर अगस्त में इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर की ग्रोथ 5.2 फीसदी से बढ़कर 7.2 फीसदी रही है। माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ -2.3 फीसदी के मुकाबले -0.2 फीसदी रही है। बेसिक गुड्स ग्रोथ 1.7 फीसदी से घटकर 1.5 फीसदी रही है। इंटरमीडिएट गुड्स ग्रोथ 2.4 फीसदी से बढ़कर 3.6 फीसदी रही। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स ग्रोथ -9.3 फीसदी के मुकाबले -7.6 फीसदी रही है। कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल्स 6.8 फीसदी से घटकर 5 फीसदी रही है।
मैन्यूफैक्चरिंग और कैपिटल गुड्स सेक्टर का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। अगस्त में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ -0.1 फीसदी रही है, वहीं जुलाई में ग्रोथ 3 फीसदी रही थी। वहीं, कैपिटल गुड्स सेक्टर की ग्रोथ 15.6 फीसदी से घटकर -2 फीसदी हो गई है। कंज्यूमर गुड्स ग्रोथ -0.9 फीसदी के मुकाबले -0.8 फीसदी रही है।
महीने-दर-महीने आधार पर अगस्त में इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर की ग्रोथ 5.2 फीसदी से बढ़कर 7.2 फीसदी रही है। माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ -2.3 फीसदी के मुकाबले -0.2 फीसदी रही है। बेसिक गुड्स ग्रोथ 1.7 फीसदी से घटकर 1.5 फीसदी रही है। इंटरमीडिएट गुड्स ग्रोथ 2.4 फीसदी से बढ़कर 3.6 फीसदी रही। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स ग्रोथ -9.3 फीसदी के मुकाबले -7.6 फीसदी रही है। कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल्स 6.8 फीसदी से घटकर 5 फीसदी रही है।
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